चौधरी ने जल जीवन मिशन, शैक्षणिक व्यवस्था, ओरण पर ओर संविधान पर प्रभावी सम्बोधन दिया।
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को बायतु विधायक हरीश चौधरी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर अपनी प्रतिक्रिया दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार कैबिनेट की होती है, संविधान के अंदर किसी एक व्यक्ति की सरकार नहीं होती है, जो भी एक व्यक्ति का महिमा मंडन करते है वो संविधान के मूल उद्देश्य के खिलाफ है। एक व्यक्ति का महिमा मंडन करने के लिए आज के समय मे इस देश के कैबिनेट मंत्री भी महसूस नही करते है कि हम सरकार का हिस्सा है। साथ ही उन्होंने कहा कि ओबोसी के संदर्भ में मण्डल कमीशन के माध्यम से आरक्षण की व्यवस्था हुई उस मण्डल कमीशन को लेकर आरएसएस की उस वक्त क्या राय थी उसके बारे में भी समझें।
चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने लाल डायरी को लेकर बहुत बार बोला गया, वही प्रधानमंत्री ने भी अपने भाषणों में जिक्र किया गया लेकिन दो बार राज्यपाल का अभिभाषण हुआ लेकिन उल्लेख नहीं हुआ। अब राजस्थान की जनता इंतजार कर रही है कि वो लाल डायरी है कहा। चौधरी ने सदन में बोलते हुए कहा कि या तो सरकार अपनी असक्षमता को इस अभिभाषण के माध्यम से स्वीकार करें या स्वीकार्यता नहीं है तो शायद इस लोकतंत्र में जो सरकार के तौर पर अधिकार मिला है वो गलत है।
इसी तरह जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार को लेकर बोलते हुए कहा कि सरकार का एक साल निकल गया उसके बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन में सर्वे के दौरान कमिया रही जिसके कारण आज कई तरह की चुनौतियां सामने आ रही है। कई जगह स्वीक्रतियाँ नहीं हुई है। गुणवता व अन्य कई तरह की समस्याएं बनी हुई है उस पर कोई सदन में चर्चा नहीं हो रही है। चौधरी ने सदन में बताया कि जल जीवन मिशन के अंतगर्त 2023-24 में 6 हजार आठ सौ तीन करोड़ रुपये खर्च किए गए वही इस वर्ष 2024-25 में सिर्फ 34044 करोड़ ही खर्च हुए। उन्होंने कहा कि अगर यह योजना हम सफल नहीं कर पाए तो भविष्य में इस तरह की कोई योजना नहीं है। उन्होंने इसको लेकर एक सत्र इस विधानसभा में रखने का आह्वान किया। जो भी कमियाँ रही है उसको लेकर हमें सामूहिक मिलकर हल निकालने की जरूरत है।
सदन में हरीश चौधरी ने प्रदेश की शैक्षणिक व्यवस्था और कोचिंग संस्थाओं पर बोलते हुए कहा कि छात्र जीवन की शैक्षणिक व्यवस्था के लिए कोई अन्य वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए। बच्चों के सर्वांगीण विकास में यह कोचिंग संस्थान बाधा बने हुए है। उन्होंने कहा कि हम 8 करोड़ जनसंख्या में केवल 1 प्रतिशत भी नौकरियां नहीं है ओर कोचिंग संस्थानों को रेगुलेट करने की सरकार के पास कोई व्यवस्था क्यों नहीं है। आज कोटा के कोचिंग संस्थानों में छात्रों की हो रही आत्महत्याएं चिंताजनक है। यह व्यवस्थाएं हमें सुधारने की जरूरत है, चौधरी ने बताया कि पेपर लीक की समस्या को लेकर हमें इसकी जड़ तक जाना होगा और आज न्यूनतम सुरक्षा के लिए पेपर व इंटरव्यू के लिए एक व्यवस्था बनाने के लिए हमें सदन में चर्चा करने की जरूरत है।
सदन में हरीश चौधरी ने सौर ऊर्जा, ओरण और सोलर ऊर्जा पर प्रभावी सम्बोधन देते हुए कहा कि पिछली सरकार में हमने 29 हजार बीघा जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में ओरण के रूप में दर्ज किया, जहां संभव था वहां बिना चर्चा और हल्ला किए काम किया। वर्तमान सरकार ओरण जमीनें नहीं बचा रही, जैसलमेर के बईया व मगरा प्रकरण में भी सिर्फ कंपनी ने 1038 बीघा जमीन छोड़ी है। अभी तक उसे ओरण के रूप में दर्ज नहीं किया गया है। उन्होंने सदन के माध्यम से आग्रह किया कि यह सरकार भी पिछली सरकार की तरह ओरण में दर्ज करने का फैसला करें।